योगी सरकार ने IPS मुकुल गोयल को यूपी का नया डीजीपी नियुक्त किया है। इसे लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने योगी सरकार पर तंज कसा है। दोनों ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर उम्मीद जताई है कि अब यूपी में आम जनता के साथ पुलिस नाइंसाफी नहीं होने देगी।
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है कि, ‘आशा है यूपी में पुलिस का नया नेतृत्व अपनी प्रतिबद्धता जनता के प्रति दिखाएगा और अब तक के भाजपा काल में पुलिस के द्वारा जिस प्रकार की नाइंसाफी आम जनता तथा विपक्ष के खिलाफ झूठे मुकदमों के रूप में हुई है, उस प्रथा को खत्म करेगा। पुलिस जनता के विश्वास का प्रतीक होनी चाहिए।’
इस ट्वीट से साफ है कि नए डीजीपी के बहाने अखिलेश यादव ने सरकार को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया है। साथ ही पुलिस की नाइंसाफी को भी बताया है।
मायावती ने भी नए डीजीपी के बहाने उत्तर प्रदेश की पुलिस की कार्य शैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि नए डीजीपी से उम्मीद है कि वह बसपा-शासनकाल में जिस तरह पुलिस निष्पक्ष होकर काम करती थी, वैसे ही काम करेंगे।
मायावती ने सोशल मीडिया पर लगातार दो ट्वीट में लिखा कि ‘जैसा कि सर्वविदित है कि यूपी में चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या सपा की अथवा वर्तमान में भाजपा की, पुलिस व सरकारी तंत्र को निष्पक्षता से काम नहीं करने देने व इनका घोर दुरुपयोग करने के कारण ये सभी सरकारें यहां की जनता को कानून का राज देने में अति-विफल रही हैं’।
‘जबकि बीएसपी के शासनकाल में कानून द्वारा कानून का राज स्थापित करने के लिए सरकारी तंत्र को निष्पक्षता से काम करने की छूट दी गई तथा कानून तोड़ने पर पार्टी के एमपी को भी जेल भेजा गया। अतः भाजपा नए डीजीपी व अन्य सरकारी तंत्र को स्वतंत्रता व निष्पक्षता से काम करने दे। ये बसपा की मांग है।’
विपक्ष के हमलों का जवाब यूपी के डिप्टी सीएम केशव ने भी सोशल मीडिया के जरिए दिया। केशव ने लिखा कि जनता जानती है कि किसके राज में कैसी व्यवस्था रही है। केशव ने लिखा है, ‘सुशासन का अर्थ भाजपा कुशासन का अर्थ सपा, बसपा, कांग्रेस है। यह सच जनता जानती है!’
रिपोर्ट – आर डी अवस्थी