MLA धर्मराज को बड़ा धर्म संकट कई दावेदार मैदान में,भाई धर्मेंद्र भी चाहते हैं टिकट! कैसे जीतें नगर, सवाल बड़ा विकट?

नवाबगंज नगर पालिका बाराबंकी जिला मुख्यालय की नगरपालिका है जिस पर पिछले 10 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा बना हुआ है। जिस समय उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी उस समय भी नवाबगंज नगरपालिका पर भारतीय जनता पार्टी का भगवा झंडा लहरा रहा था यानी सपा ने प्रदेश में बहुमत की सरकार बनाई थी पूरा यूपी जीत लिया था लेकिन बाराबंकी शहर समाजवादी पार्टी नही जीत पाई थी।

लेकिन इस बार समीकरण कुछ बदले बदले से नजर आ रहे हैं भाजपा के एक गुट में लाला रंजीत बहादुर श्रीवास्तव को लेकर असंतोष की चर्चाएं हैं।

वहीं दूसरी ओर सपा हर हाल में नवाबगंज पर भी कब्जा करने की कोशिश में है। जिले में अधिकांश टाउन एरिया पर भगवा लहर में भी समाजवादी पार्टी का ही कब्जा है, नवाबगंज विधानसभा के “धर्मराज” सुरेश यादव जिन्हें जनता ने धर्मराज स्वीकार करते हुए लगातार तीन बार विधायक बनने का सौभाग्य प्रदान किया, उनकी महत्वपूर्ण भूमिका निकाय चुनाव में भी होने वाली है।

सपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी के जिला संगठन के साथ-साथ सदर विधायक सुरेश यादव की संस्तुति भी टिकट निर्धारण में बहुत महत्वपूर्ण होगी, जिले के बड़े नेताओं और पूर्व मंत्रियों का भी का सुझाव लिया जाएगा लेकिन सुरेश यादव की विधानसभा में उनकी बात को गंभीरता से सुना जाएगा क्योंकि वह लगातार यहां से चुनाव जीत रहे हैं।

साफ शब्दों में कहे तो नवाबगंज नगरपालिका के लिए समाजवादी पार्टी में वही प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा जिसे सुरेश यादव का समर्थन हासिल होगा । यहां पर समाजवादी पार्टी से बड़ी संख्या में दावेदार मैदान में हैं।

विधायक के छोटे भाई धर्मेंद्र यादव एक बार फिर चुनावी मैदान में दावेदार के रूप में हैं इसके पहले वह सपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं । इसी प्रकार डॉ कुलदीप सिंह सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष भी नगर पालिका चुनाव लड़ चुके हैं और इस बार दोबारा सपा से टिकट चाहते हैं। जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ता नरेंद्र वर्मा भी चुनावी मैदान में मजबूती से डटे हैं और जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं बड़े नेताओं से भी मुलाकात कर रहे हैं।

इसी तरह जिले के चर्चित राजनीतिक परिवार से जुड़े सुरेंद्र सिंह वर्मा भी पूरी ताकत लगा रहे हैं वह नवाबगंज से पूर्व में विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं । सुरेंद्र वर्मा पूर्व मंत्री संग्राम सिंह वर्मा के छोटे भाई हैं जो कि स्वयं नवाबगंज विधानसभा से विधायक रह चुके हैं और सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। सुरेंद्र वर्मा को भी चुनावी रणनीतियों का विशेषज्ञ माना जाता है वह कई बार अपनी धर्मपत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष बना चुके हैं और स्वयं ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं।

नरेंद्र वर्मा और सुरेंद्र वर्मा दोनों कुर्मी समाज से आते हैं मुस्लिम समाज से ताज बाबा राइन भी सुरेश यादव पर टिकट का पूरा दबाव बनाए हुए हैं मुस्लिम समाज के लोग चाहते हैं कि इस बार मुसलमान प्रत्याशी समाजवादी पार्टी की ओर से लड़ाया जाए क्योंकि मुसलमानों के दम पर समाजवादी पार्टी कई बार नवाबगंज जीत चुकी है ।

ऐसे में ढेर सारे तर्क हैं कुछ कुतर्क भी हैं । सुरेश यादव उर्फ धर्मराज के सामने बड़ा धर्मसंकट है अपनी विधानसभा जीतते रहे हैं लेकिन शहर में नगर पालिका हारते रहे हैं ।
अब उन्हें नगर पालिका जीतकर अखिलेश यादव के सामने अपनी काबिलियत को साबित करना है ।
ऐसे में धर्म संकट इसी बात का भी है कि धर्मराज किसकी और हाथ बढ़ाएं सगे भाई को दोबारा मौका दें अपने छोटे भाई धर्मेंद्र यादव की मदद करें या फिर नई चुनौती भाजपा के सामने पेश करें?

ब्यूरो रिपोर्ट द इंडियन ओपिनियन, बाराबंकी

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