“एक तरफ अदनान सामी, जिनके पिता 1965 की लड़ाई मे भारत के खिलाफ लड़े। दूसरी तरफ मुहम्मद सनाउललाह, जो कारगिल युद्ध मे पाकिस्तान के खिलाफ लड़े। अदनान को पद्म श्री; सनाउललाह को असम मे डिटेंशन सेंटर!”
#RepublicDay2020
वरिष्ठ लेखक और फिल्मकार अमरेश मिश्रा का या पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा हैl उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में Nrc के प्रावधानों पर आपत्ति जताई है।
इस बात पर विरोध दर्शाया है कि असम एनआरसी लागू करने वाले अधिकारियों की लापरवाही के चलते वहां के एक पूर्व भारतीय सैन्य अधिकारी को मुश्किलें उठानी पड़ी उनके दस्तावेज अधूरे मानते हुए उन्हें डिटेंशन सेंटर में दाल दिया गया इसके बाद उन्हें हाईकोर्ट से मदद लेनी पड़ी और हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उन्हें राहत मिल सके।
लेकिन इस सबके बीच उन्हें काफी प्रताड़ना झेलनी पड़ी मोहम्मद सनाउल्लाह भारतीय फौज के रिटायर्ड अधिकारी हैं और उन्होंने भारत के लिए पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध भी लड़ा।
यह मामला सोशल साइटों पर वायरल हो चुका है लेकिन नई बात जोड़ी गई है कि अदनान सामी को मोदी सरकार ने पदम श्री के सम्मान से नवाजा है अदनान सामी पाकिस्तानी मूल के गायक हैं।
हालांकि उनका जन्म ब्रिटेन में हुआ था लेकिन उनके पिता पाकिस्तानी एयरफोर्स के अधिकारी थे हालांकि उनकी माता जम्मू की रहने वाली थी। सोशल मीडिया पर इस बात पर आपत्ति जताई जा रही है कि पाकिस्तानी मूल के अदनान सामी को नागरिकता दे दी गई वहीं भारतीय मूल के भारतीय सेना के एक रिटायर्ड फौजी की नागरिकता खतरे में पड़ गई ।
ऐसे में एनआरसी को लेकर जो विरोध है जो आशंकाएं हैं सरकार को आगे बढ़कर उनका समाधान करना चाहिए।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक अदनान सामी के पिता अरशद सामी पाकिस्तानी फौज के अधिकारी थे और एयरफोर्स में रहते हुए उन्होंने 1965 और 1971 के युद्ध में भी हिस्सा लिया था और भारत के खिलाफ भारतीय सेना पर बम भी बरसाए थे , लेकिन सभी नियमों और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अदनान सामी को 2016 में भारत की नागरिकता प्रदान की गई ।
वरिष्ठ लेखक अमरेश मिश्रा ने इस बात को गणतंत्र दिवस के मौके पर उठाया है और सरकार के खिलाफ एक विवादित पोस्ट भी किया है।