बिहार के कानून मंत्री कार्तिक कुमार के खिलाफ कोर्ट की तरफ से वारंट जारी किया गया है। मंत्री पद की शपथ लेने के 24 घंटे के भीतर ही कार्तिक कुमार के खिलाफ वारंट जारी हो गया है। बता दें कि बिहार के कानून मंत्री कार्तिक कुमार के खिलाफ वारंट साल 2014 के बिल्डर के अपहरण के मामले में कोर्ट की तरफ से जारी हुआ है।मंगलवार को जब बिहार सरकार के मंत्रियों के नाम की घोषणा हुई तब पता चला कि कई बाहुबलियों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। इनमें ललित यादव, सुरेंद्र राम और कार्तिक कुमार का नाम शामिल है।
सीएम नीतीश कुमार, कानून मंत्री के बारे में सवाल पूछे जाने पर जवाब देने से बचते नजर आए। कार्तिक कुमार को कल यानी मंगलवार को कोर्ट में पेश होना था और वो वहां जाने के बजाय राजभवन पहुंचे और मंत्री पद की शपथ ले ली। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार की बहुत किरकिरी हो रही है। जहां सीएम नीतीश कुमार उनकी सरकार के कानून मंत्री कार्तिक कुमार के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद सवालों से बचते नजर आए तो वहीं कानून मंत्री कार्तिक कुमार ने अपने बचाव में बेतुकी सफाई दी है।
बिहार के कानून मंत्री कार्तिक कुमार के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद महागठबंधन सरकार की बड़ी फजीहत हो रही है। दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी सामने आई है, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिक कुमार के खिलाफ 1 सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।
कार्तिक कुमार को कानून मंत्रालय, जितेंद्र कुमार राय को कला संस्कृति एवं युवा विभाग, सुधाकर सिंह को कृषि मंत्रालय, जमा खान को अल्पसंख्यक कल्याण और मुरारी प्रसाद गौतम को पंचायती राज की जिम्मेदारी मिली।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’