भारत का कानून मानने से इन्कार करने पर ट्विटर पर आज सरकार ने कार्यवाही कर दी,सरकार ने ट्विटर का मध्यस्थ का दर्जा ख़त्म कर दिया सरकार ने 5 जून को चेतावनी दी थी, लेकिन ट्विटर ने नियमों का पालन नहीं किया, जिसके चलते सरकार ने आज कार्यवाही कर दी !
मध्यस्थ का दर्जा ख़त्म होने के बाद ट्विटर पर किसी भी वीडियो, कॉन्टेंट या किसी अन्य को लेकर मुकदमा होता है तो इसके लिए ट्विटर भी जिम्मेदार होगा, और भारतीय दंड सहिंता के तहत उस पर भी कार्यवाही होंगी !
ट्विटर ही नहीं सिग्नल नाम के एप पर भी कार्रवाई हो रही है। मध्यस्थ दर्जा खत्म होने बाद ये प्लेटफार्म सामान्य मीडिया की श्रेणी में आ जाएंगे और तब विदेशी निवेश की सीमा आदि का बंधन भी शुरू होगा।
क्या कहते है नये नियम –
सोशल मीडिया के लिए सरकार द्वारा तय किए नए नियमों के तहत शिकायत निवारण के लिए भारत के अंदर ग्रीवांस आफिसर की नियुक्ति, आपत्तिजनक पोस्ट, जिनके कारण कानून व्यवस्था, महिलाओं की मर्यादा, देश की अखंडता आदि पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो, उनमें नाम बताने जैसे प्रावधान किए गए हैं।
ट्विटर ने कैसे रची यूपी में सांप्रदायिक साजिश –
मामला बुलंदशहर के एक बुजुर्ग का है जिन्हें गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना इलाके के बेहटा हाजीपुर में बंधक बनाकर मारपीट की गई और उनकी दाढ़ी काटी गई। इस मामले में पुलिस का कहना है कि ट्विटर पर भी केस दर्ज किया जाएगा। ट्विटर पर आरोप है कि बिना सत्यता जाने घटना का वीडियो ट्विटर पर चला, यह ट्रेंड कर गया। पुलिस इस मामले में धार्मिक भावनाएं आहत करने की धारा लगाएगी।
एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा का कहना है कि आपत्तिजनक वीडियो ट्रेंड होने पर पत्रकार राणा अय्यूब, सपा नेता उम्मेद पहलवान इदरीसी, जुबैर समेत दर्जनभर लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा है। बिना सत्यता जांचे वीडियो ट्रेंड करने पर पुलिस ट्विटर को भी केस में आरोपी बना रही है।
ये देखना भी बहुत जरुरी है कि यूपी पुलिस किसी दबाव में या मामले को हल्का करने की कोशिश ना करे क्योंकि जिन लोगों ने यूपी में षडयंत्र रचा है उसमें ट्विटर तो केंद्र सरकार को चुनौती दे रहा है दूसरी तरफ अन्य आरोपी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम करने का काम ठेके पर करते हैं जिसमें राणा अय्यूब का नाम सबसे ऊपर है !