सीएम ने गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु की उतारी आरती, सुनी जनता की फरियाद, दिलाया कार्यवाही का भरोसा।

गोरखपुर :आज गुरु पूर्णिमा है। इस मौके पर गोरखपुर स्थित गोरक्षनाथ मंदिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गुरु महंत अवेद्यनाथ की पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद लिया। इसके बाद स्मृति भवन सभागार में हुए कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर योगी ने कहा, आचार्य, बड़ा भाई और कुल पोरोहित, ये जो पांच प्रकार के लोग हैं इन्हें हम गुरु कहते हैं। यह सभी कल्याण के कार्य करते हैं। गुरु के सम्मान में पांच हजार वर्षों से गुरु पूर्णिमा के रुप में हम सब मनाते आ रहे हैंं।

यदि आप कहिए दुनिया के अंदर क्या किसी सभ्यता और संस्कृति के अंदर विगत पांच हजार वर्षों का लिखित इतिहास है? और सिर्फ पांच हजार वर्षों का इतिहास ही नहीं बल्कि उससे भी प्राचीन, पांच हजार वर्षों से पूर्व भगवान देवभ्यास ने भारत की परंपरा को जो एक नई दिशा दी, उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का यह पर्व है। व्यास पूर्णिमा की तिथि गुरु पूर्णिमा के रुप में हम सब बड़े ही हर्षोहल्लस और विश्वास के साथ मनाते आए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने गुरु परंपरा के प्रति अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का एक अवसर हम सबके सामने आता है। हम सब जानते हैं कि पिछले डेढ़ साल से पूरा देश और दुनिया जिस त्रासदी का सामना कर रही है, इस कोरोना महामारी ने इस व्यवस्था को किस तरह प्रभावित किया है यह किसी से छिपा नहीं है। इस महामारी ने हमारे जीवन के साथ ही हमारी आस्था को प्रभावित किया है। हम पर्व और त्योहार सामूहिक रुप से नहीं मना पा रहे हैं। इसमें कठिनाई हो रही है। इस दुनिया के अंदर लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

जिन लोगों को इस बात पर एक अहंकार था कि उनका इंफ्रास्टक्चर, उनका स्थास्थ्य का ढांचा दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। अमेरिका और यूरोप जैसे देश इस महामारी के सामने धराशाई हो गए। लेकिन अगर मनुष्य है और जीवन है तो उसमें जीवंतता होनी ही चाहिए। उस जीवन को आगे बढ़ाने के लिए जो प्रयास डेढ़ वर्षों से दुनिया में चल रहे हैं, उसमें सीमित लोगों के साथ ही हम पर्व और त्योहार मना पा रहे हैं। कोरोना की निर्धारित गाइडलाइन का पालन करते हुए अगर हम इसे आगे बढ़ाते हैं तो उसके बेहतर परिणाम भी हमारे सामने होंगे।

इससे पूर्व नाथ संप्रदाय की गोरक्षपीठ गुरु गोरखनाथ मंदिर परिसर स्थित स्मृति भवन सभागार में गुरु पूर्णिमा उत्सव श्रद्धा एवं उल्लास के साथ शनिवार को मनाया गया। दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों से गोरक्षपीठाधीश्वर से जुड़े शिष्यों एवं साधु संतों का आगमन गोरखनाथ मंदिर परिसर में शुक्रवार की सुबह से ही जारी था। सभी को साधना भवन में ठहराया गया है। गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूर्णिमा का उत्सव सुबह 5 से ही शुरू हो गया। शिवावतारी गुरु गोरखनाथ (श्रीनाथ पूजन) का पूजन करने के बाद उन्हें नाथ संप्रदाय के महाप्रसाद रोट का भोग लगाया गया। इसके बाद सभी देवविग्रह एवं समाधि पर पूजन किया गया।

सभी साधु संतों ने मिल कर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के साथ सुबह 6.30 बजे से 7 बजे तक सामूहिक आरती किया। इसके बाद सुबह 10 बजे से 12 बजे तक स्मृति भवन सभागार में भजन कीर्तन के साथ गुरु पूर्णिमा उत्सव शुरू हुआ। दोपहर 1 बजे मंदिर में गुरु पूर्णिमा के प्रसाद के रूप में सहभोज का आयोजन हुआ। इस उत्सव में साधु, संत, पुजारी, गृहस्थ शिष्य, जन प्रतिनिधियों के साथ शहर के प्रबुद्ध नागरिक शामिल रहें। मंदिर के व्यवस्थापक द्वारिका तिवारी ने बताया कि इस बार गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में तिलकोत्सव नहीं होगा। सभी श्रद्धालुओं का मास्क लगाते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में अपने तीन दिनों के दौरे पर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु पूर्णिमा पर शनिवार को गोरखनाथ मंदिर में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ व ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पूजा अर्चना की। वहीं नित्य दिनचर्या के बाद गोरखनाथ मंदिर के हिंदू सेवाश्रम में मुख्यमंत्री योगी ने जनता दरबार में लोगों की फरियाद सुनी। इस दौरान सीएम के जनता दरबार में गोरखपुर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से करीब 200 फरियादी पहुंचे। सीएम योगी आदित्यनाथ एक-एक कर फरियादियों के पास गए। सबकी समस्या सुनने के साथ प्रार्थना पत्र लेकर अधिकारियों को कार्रवाई का निर्देश भी दिया।

इससे पहले मंदिर में मुख्यमंत्री की दिनचर्या परंपरागत रही। सुबह उन्होंने सबसे पहले नाथ पंथ के आदि गुरु गोरक्षनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई और फिर अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। मंदिर परिसर का भ्रमण करने के क्रम में मुख्यमंत्री हमेशा की तरह गोशाला गए और करीबा आधा घंटा गायों के बीच गुजारा। इस दौरान सीएम ने गायों को चना और गुड़ खिलाया।
जनता दरबाद में अधिकांश मामले जमीनी विवाद और पुलिस से जुड़े आए। इसके साथ ही गंभीर बीमारियों का पैसों के अभाव में इलाज नहीं हो पाने के मामलों को भी सीएम ने गंभीरता से लिया। जनता दरबार में करीब आधा दर्जन ऐसे मामले आए, जिसके परिजन किसी न किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, लेकिन पैसों के अभाव में उनका इलाज नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री ने ऐसे मामलों में फरियादियों को अस्पताल से इलाज का इस्टिमेट बनवाकर देने को कहा है। उन्होंने कहा कि रुपयों को अभाव में किसी भी गरीब का इलाज नहीं रूकेगा। ऐसे सभी गरीबों का इलाज सरकार की ओर से कराया जाएगा।इस दौरान सीएम ने सैकड़ों लोगों की समस्या सुनी। लोगों को भरोसा दिया कि उनकी समस्या का समाधान होगा। किसी के साथ अन्याय नहीं होने पाएगा। मौके पर मौजूद अधिकारियों से कहा कि हर मामले का निपटारा सही तरीके से होना चाहिए।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

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