हरदोई के हरपालपुर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सतौथा में सीला (गेहूं की बाली) बीनने के दौरान चार वर्षीय बालक 30 फीट गहरे खुले पड़े बोरवेल में गिर गया। पता चलते ही पुलिस, अग्निशमन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। बोरवेल के पास ही जेसीबी से गड्ढा खोद कर बच्चे को साढ़े तीन घंटे की मशक्कत के बाद निकाल लिया गया। उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरपालपुर ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
ग्राम सतौथा निवासी अरविंद खेती करता है। मंगलवार शाम उसकी पत्नी कुंती अपने पुत्र श्यामजीत (4) के साथ सीला बीनने के लिए गई थी। इसी दौरान दोनों गांव निवासी विद्याराम के खेत में पहुंच गए। यहां सीला बीनने के दौरान श्यामजीत खुले पड़े बोरवेल में गिर गया। यह देखकर कुंती ने शोर मचाया तो आसपास के खेतों में काम कर रहे ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। शुरुआत में ग्रामीणों ने अपने स्तर से बच्चे को निकालने की कोशिश की, लेकिन सफलता न मिलने पर पुलिस को जानकारी दी गई।
इस पर कोतवाली के उप निरीक्षक नीरज बघेल पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू कराया। कुछ ही देर में दमकल वाहन और विभागीय कर्मचारी भी पहुंच गए। इसी बीच एंबुलेंस भी मंगवा ली गई। बोरवेल के पास ही लगभग 26 फीट गहरा गड्ढा खोद कर बनाई गई सुरंग के जरिये मासूम को निकाला गया। इसके बाद ग्रामीण मासूम को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरपालपुर पहुंचे, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आपको बता दे अंधेरा बढ़ने के साथ ही राहत कार्य भी प्रभावित होने लगा। रोशनी का पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण गड्ढा खोदने का कार्य भी बीच में कई बार रोकना पड़ा। हालांकि मौके पर मौजूद लोगों में से कुछ के वाहनों की लाइट जलाकर भी रोशनी की गई। इसके अलावा वहां मौजूद अन्य भारी वाहनों से भी रोशनी कराई गई।
ऑक्सीजन पहुंचाने के प्रयास भी नाकाम
बोरवेल में गिरे बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए आनन फानन ही ऑक्सीजन की व्यवस्था करने को कहा गया। जैसे-तैसे एक एंबुलेंस से ऑक्सीजन की व्यवस्था हुई। ऑक्सीजन का पाइप बोरेवेल में डाला गया, लेकिन यह पाइप ही छोटा पड़ गया। हद तो तब हो गई जब कुछ देर बाद ही ऑक्सीजन का सिलिंडर भी खाली हो गया। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ऑक्सीजन की उपलब्धता बनाए रखने की बात कहते नजर आए।
हरदोई से शिवहरि दीक्षित की रिपोर्ट